असफलता और निराशा से घिरे कठिन दिनों में कई बार अपनी योग्यता एवं अर्जित ज्ञान पर शक होने लगता है । कई बार ये भी लगता है ये जो रास्ता हमने पकड़ा है क्या ये सही है ? क्या ये रास्ता ऐसा है जो हरबार इस भ्र्म में डालता रहेगा की आप गलत दिशा में हैं जवकि इसे आपने खुद चुना है या परिस्थितिवश । ऐसे में व्यक्ति का खुद को प्रोत्साहित करना बहुत काम आता है हालांकि ऐसे दिनों में आत्म विश्वाश की घोर कमी हो जाती है । दरअसल यही जीवन की सीख है जो अगर टिके रहो तो मजबूत बनाती है हमें ख़ुद को प्रोत्साहित करते रहना चाहिए । बात बनेगी ! अंधेरा छटेगा ! रास्ता मिलेगा! ये न सही कुछ और होगा ! चलते रहे तो कहीं उजाले में पहुँच ही जायेंगे ! ये सब खुद से कहते रहो , जो रास्ता बंद हुआ उसके बाद नया ढूढने की कोशिश , बस इसी सब में कट जायेगी जिंदगानी , फिर बाद में एक दिन बैठो और सोचो कि मैं कितना लड़ा लेकिन हारा नहीं , थका, लेकिन रुका नहीं , आप देखिये ख़ुद को कितना सुकून और अगले पड़ाव की तरफ बढ़ने का साहस मिलता है ....
Thursday, 9 February 2017
#असफलता_के_दिन
असफलता और निराशा से घिरे कठिन दिनों में कई बार अपनी योग्यता एवं अर्जित ज्ञान पर शक होने लगता है । कई बार ये भी लगता है ये जो रास्ता हमने पकड़ा है क्या ये सही है ? क्या ये रास्ता ऐसा है जो हरबार इस भ्र्म में डालता रहेगा की आप गलत दिशा में हैं जवकि इसे आपने खुद चुना है या परिस्थितिवश । ऐसे में व्यक्ति का खुद को प्रोत्साहित करना बहुत काम आता है हालांकि ऐसे दिनों में आत्म विश्वाश की घोर कमी हो जाती है । दरअसल यही जीवन की सीख है जो अगर टिके रहो तो मजबूत बनाती है हमें ख़ुद को प्रोत्साहित करते रहना चाहिए । बात बनेगी ! अंधेरा छटेगा ! रास्ता मिलेगा! ये न सही कुछ और होगा ! चलते रहे तो कहीं उजाले में पहुँच ही जायेंगे ! ये सब खुद से कहते रहो , जो रास्ता बंद हुआ उसके बाद नया ढूढने की कोशिश , बस इसी सब में कट जायेगी जिंदगानी , फिर बाद में एक दिन बैठो और सोचो कि मैं कितना लड़ा लेकिन हारा नहीं , थका, लेकिन रुका नहीं , आप देखिये ख़ुद को कितना सुकून और अगले पड़ाव की तरफ बढ़ने का साहस मिलता है ....
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