बाजार फिल्म के गीत लिखने वाले शायर बशर नवाज इस दुनिआ से विदा ले चुके है बाजार फिल्म का ये गीत जो उनके दिलो में गहराईओं तक समाया हुआ है खुदा उन्हें जन्नत बक्शे
करोगे याद तो हर बात याद आयेगी
गुजरते वक्त की, हर मौज ठहर जायेगी
ये चाँद बीते जमानो का आईना होगा
भटकते अब्र में चेहरा कोई बना होगा
उदास राह कोई दास्तां सुनाएगी
बरसता भीगता मौसम धुआँ धुआँ होगा
पिघलती शम्मो पे दिल का मेरे गुमा होगा
हथेलियों की हिना याद कुछ दिलायेगी
गली के मोड़ पे सूना सा कोई दरवाजा
तरसती आँखों से रस्ता किसी का देखेगा
निगाह दूर तलक जा के लौट आयेगी
....बशर नवाज
खूबसूरत अशआर।
ReplyDeleteवाह, कमाल के लफ्ज़ हैं, पढ़ कर दिल को सुकून आ गया.
ReplyDeleteधन्यवाद
anmol vachan