पिछले कुछ दिनों की गर्मी से त्रस्त होकर हम आम आदमिओं ने भ्रष्टाचारी वादलो को हाय गर्मी हाय गर्मी करते हुए रिश्वत की पेशकश की ,हमारी रिश्वत को स्वीकार करते हुए वादलो ने वर्षा कर दी और हमें कड़क लोकपाल सूर्य की तेज निगाहों से बचा कर रखा , लेकिन उधर हमारे ही कुछ आम आदमी जैसे लस्सी वाला , कोल्ड्रिंक वाला , खुली बर्फ बेचने वाला , कुल्फी वाले आदि लोगो ने लोकपाल सूर्य से शिकायत कर दी , जैसे ही उधर शिकायत पहुंची , कड़क लोकपाल महामहिम सूर्यदेव एक हाथ में तेज धूप और एक हाथ में सड़ी गर्मी का हंटर लिए हुए भगे चले आये , महामहिम का ये रोद्र रूप देख भ्रष्टाचारी वादळ गिरगिट की तरह रंग बदलते हुए आसमान में समा गए और ये हंटर अब पिछले दिनों से हम पर रोज बरस रहे हैं हम भी आम आदमी ठहरे हंटर की मार से बचने की जुगत में कभी ठन्डे पानी की बोतल अपने ऊपर उड़ेल लेते है तो कभी दिल्ली परिबहन की लाल वाली ऐ.सी. बस की तरफ लपकते हैं और मेट्रो तो अपना अधिकार है उसमे क्या लपकना लेकिन कम्भख्त इस लपका लपकी से भी हमें सूर्य देव के हंटरों की मार से कुछ राहत नहीं मिली , मुहँ पे बंधे डाठे और हाथों के कोहनी तक दस्ताने राहत तो देते हैं लेकिन जैसे है दोपहरी अपने योवन पर होती है वहां इनकी भी सहनशीलता जवाव दे जाती है दिन की इस जंग के बाद जब अपने आशियानों की तरफ मुड़ते है दिल और घबराता है
अब आप कहेंगे ये कोनसी घवराने वाली बात हुई , दरअसल घबराहट इस बात की है हम उत्तर प्रदेश की आर्थिक राजधानी नोयडा में रहते है और यहाँ जो बिजली है वो रोज रात होते है छुप्पा छाई खेलती है एक बार आएगी हम जैसे उसके आने की ख़ुशी में कुछ करने उठेंगे ये फिर छुप जाएगी , अगर उस समय हमारी को खिन्नता और क्रोध नापने का कोई मीटर हो तो उसकी सुई भी टूट जाये , जैसे तैसे इस लड़ाई को लड़ते हुए पापी पेट को भरने का इंतजाम करते हुए , सरकार और बिजली बालों को गरिआयते हुए सबसे ऊँची छत पर कुछ पांच छ: घंटे के नींद लेते हुए अगर चाँद है तो उससे या काली रात से बतिआयते हुए सो जाते हैं हाँ इतना अच्छा हमारी राजधानी में मच्छर नहीं है शायद ये भी महामहिम लोकपाल के हंटर के डर से इधर उधर हो लिए हैं आपके मन में एक सवाल तो आया होगा की इतना दुखी हो तो इन्वर्टर ही ले लो , तो सुनिए एक तो हम आदमी है दूसरे अभी बेचलर हैं तो इन सुविधाओं का अभाव है इस देश में सारे कानून और लोकपाल हम निरीह जनता के लिए हैं कोई इन सरकारों इन बिजली वालों पर नहीं जो इनसे पूंछे की जनाव आजादी के ६७ सालो के बाद भी जनता बिजली, पानी, और रोटी के लिए लड़ रही है और आपके कान पर जूं तक नहीं रेंगती .. हर साल घोषणा करते है की इतने मेगाबाट की बिजली प्लांट जनता को समर्पित लेकिन जनता हर साल बिजली का रोना रोती हैं
सो अंत में दुखी और क्रोधित मन से में महामहिम जगत लोकपाल श्री सूर्य देव से प्रार्थना करता हूँ की या तो आप वादलो से निगरानी हटाइये या फिर इन फरेबी सरकारों पर भी अपना हंटर बरसाइये , अन्यथा हम सब आम आदमी भूख हड़ताल कर देंगे और २१ जून को हम आपको नमस्कार भी नहीं करेंगे ..
..गर्मी से त्रस्त आम आदमी
...निशान्त यादव
haahahah bahut sahi...try karate rahiye
ReplyDeletebahut khub nishant babu. Why r u not trying in newspaper column. They will print ur story. Excellent skill.
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