Sunday, 21 June 2015

अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस #InternationalDayofYoga


सबसे पहले योग दिवस के सफल आयोजन पर बधाई । स्वछता अभियान की तरह इस योगाभियान की शुरुआत भी एक दम धाकड़ तरीके से हुई प्रधानमंत्री जी ने खुद राजपथ पर पर उतरकर सबके साथ पूरे तन मन से योग किया है जिस राजपथ पर सेना के बूटों और गाड़ियों की धमक सुनाई देती थी वहां आज योग की गूँज सुनाई दी और राजपथ योग पथ हो गया और पुतिन साहव को उनका का जवाव भी मिल गया होगा जिस तरीके से प्रधानमंत्री जी ने इक्कीसों योगासन और प्राणायाम निपुणता से किये उतना तो आज अपन पार्क में कर ही नहीं पाये पीछे झुकने बाले आसान में झुक नहीं पाये और आगे बाले में मुड नहीं पाये और जब कपालभाति करने को ध्यानमुद्रा लेनी चाहिए तो कमबख्त पैर एक दूसरे के ऊपर नहीं चढ़े फिर पलोति मार के ही काम चलाया एक साँस अंदर बाहर करते हुए फुसर फुसर किया । जो आसान अपन कर पाये वो थे शवासन और भ्रामरी जिनमे एक में आपको एक दम चैन से लेटना होता है और दूसरे में सिर्फ आँख बंद करके अपने अंदर से ॐ नुमा आवाज निकालनी होती है
प्रधानमंत्री जी का एकदम निपुणता से योग करना ये दर्शाता है की वे इसे नित्य प्रतिदिन करते हैं आज राजपथ पर केजरीवाल साहव भी पहुंचे उन्होंने भी योग में हाथ आजमाए
देश के नेताओं का किसी देशहित में एक साथ आना अच्छा तो है लेकिन ये अक्सर होते रहना चाहिए उम्मीद है स्वछ भारत अभियान की तरह इस योगाभियान में नेता सिर्फ फ़ोटो खिंचवाकर अभियान के हवा नहीं निकालेंगे हालांकि आज भी कोई सफारी सूट में योग का नाटक करते दिखा या फिर आसन के नाम पर सिर्फ हाथ हिलाता दिखा
खेर जिसे जो करना है करे और न करे आइये हम लौटते है पार्क की तरफ । कल तक जो RSS के प्रचारक जी स्वतंत्र संगठन का दम्भ भर रहे थे वे आज कम संख्याबल की मज़बूरी में बाबा जी के बैनर तले आ ही गए लेकिन अपनी खाकी वर्दी में ताकि लोग उनकी प्रतीकात्मकता को नजरअंदाज न करें । इक्कीसों योग क्रिया जैसे तैसे निपटाने के बाद सबसे विदा ली और जैसे ही पार्क के गेट पर आये उधर से तेज आंधी धुल का गुवार लेकर आ धमकी और हम उसकी धमक के डर से घर की तरफ लपके लेकिन आँधी ने धर ही लिए , अपने साथ लायी धुल और प्लास्टिक की पन्नियों के गुबार को गाल पे जड़ते हुए बोली जाते कहाँ हो अब में तुम्हे योगा करबाउंगी । हमने जितनी दूषित वायु योग के दौरान बाहर निकाली सब की सब फिर से अंदर समा गई
हमने मन ही मन कचरा फैलाने बालो को कोसा जो की हम सब अक्सर करते है गंदगी खुद फैलाएं और गाली दे सफाई करने बालो को । इस लिए साथिओं हो सके तो ये कचरा बचरा कम फैलाया करो वर्ना ये योग फ्योग सब बेकार है
चलिए आज इतवार है वीकेंड है मौसम भी आज अच्छा है जाइये पकोड़े खाइये और शाम को क्या पीना है ये यहाँ नहीं बताऊंगा मै चला आठ दिन से पड़े गंदे कपडे धोने
शुभः दिन जय ! योगा

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