जो वर्ष
बीत गया उस वर्ष में हम सब ने बहुत कुछ खोया और बहुत कुछ पाया और खोना पाना जीवन की नियति है और सच में देखे
तो सिर्फ तारीख बदलती है और कुछ नहीं ,
हाँ लेकिन हम सब मिल कर नए साल के बहाने जश्न मानते है गिले शिकवे
भुलाते हैं दुःख को ख़ुशी और जश्न की शाम से काटने की कोशिश करते है और शायद हर
त्यौहार का मूल ही यही है ,
हमने बीते साल में
चंद्रयान जैसी सफलता भी देखी तो कश्मीर में बाढ़ से त्रस्त जनजीवन भी देखा , हमने जाते जाते इस साल में मानबता को हिला देने
वाला पेशावर हमला और एयर एशिया का विमान हादसा भी देखा , इन सब के अलावा तमाम उपलब्धियां और विभीषिकाएँ
देखी, जिन्होंने हमें ऊँचे आसमान तक पहुचाया और जमीं
पर लाकर भी पटक दिया ,
लेकिन आइये हम सब
इन सफलताओं से प्रेरित होकर और विभिषकाओं से सवक लेते हुए , नए साल का स्वागत बाहें फैला कर करें और उम्मीद
करें आने वाले साल
में दुःख काम हो और ख़ुशी जायदा ,
अंत में
सभी आदरणीयं , मित्रो को नए वर्ष की हार्दिक
शुभकामनायें
निशांत
यादव
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