जब कोई नयी पीढ़ी का
कलाकार पुरानी पीढ़ी के कलाकार की रचना को अपनी कला में इस्तेमाल करता है तब वह
सिर्फ उसके इस्तेमाल ही नहीं वल्कि उसे नयी पीढ़ी के श्रोता से भी रूबरू करा रहा होता
है और ये होते रहना चाहिए ताकि वो पुरानी नज्मे जो किताबो के पन्नो में दबी रह गई
है वो हम नयी पीढ़ी के लोगो को तरोतर करती रहें , और हम भी उन नज्मकारो को याद रखें और जब भी हम ये नज्मे सुने हमे फक्र
होता रहे , बस इतना ध्यान रखे कि इन लाजबाब नज्मो का इस्तेमाल
सही जगह करे क्योकि जब तक वो नज्मे उस जगह प्रायोगिक नहीं होगी तब तक नयी पीढ़ी का
श्रोता उसका मोल नहीं जानेगा , मेने विशाल भारद्वाज की हैदर
देखी , जो फिल्म बो बनाते हैं उसका तो को सानी ही नहीं है
लेकिन मेरे हिसाब से हैदर उनकी फिल्म में एक नगीना सा है इस फिल्म में जितने
कलाकार है शाहिद कपूर , तब्बू , के. के.
मेनन सब में लाजबाब अभिनय किया है लेकिन इसमें तारीफ विशाल भारद्वाज की है
उन्होंने पूरी फिल्म में कहानी को जिन्दा कर दिया है मुझे ये फिल्म अब तक सबसे
उत्कृष्ट फिल्मे में से लगी , और सबसे बड़ा आकर्षण मुझे इसका रहा फैज़ अहमद फैज़ की साहव ये गजल ......
गुलों में रंग भरे, बाद-ए-नौबहार चले
चले भी आओ कि गुलशन का करोबार चले
क़फ़स
उदास है यारो, सबा से कुछ तो कहो
कहीं तो बहर-ए-ख़ुदा आज ज़िक्र-ए-यार चले
कहीं तो बहर-ए-ख़ुदा आज ज़िक्र-ए-यार चले
कभी
तो सुब्ह तेरे कुंज-ए-लब से हो आग़ाज़
कभी तो शब सर-ए-काकुल से मुश्क-ए-बार चले
कभी तो शब सर-ए-काकुल से मुश्क-ए-बार चले
बड़ा
है दर्द का रिश्ता, ये दिल ग़रीब सही
तुम्हारे नाम पे आयेंगे ग़मगुसार चले
तुम्हारे नाम पे आयेंगे ग़मगुसार चले
जो
हम पे गुज़री सो गुज़री मगर शब -ए-हिज्राँ
हमारे अश्क तेरी आक़बत सँवार चले
हमारे अश्क तेरी आक़बत सँवार चले
हुज़ोओर-ए-यार
हुई दफ़्तर-ए-जुनूँ की तलब
गिरह में लेके गरेबाँ का तार तार चले
गिरह में लेके गरेबाँ का तार तार चले
मक़ाम
'फैज़' कोई राह में जचा ही नहीं
जो कू-ए-यार से निकले तो सू-ए-दार चले
जो कू-ए-यार से निकले तो सू-ए-दार चले
मेने ये ग़ज़ल हैदर देखने
के बाद कई बार सुनी है , इस फिल्म में तो इसे अर्जित सिंह ने गाया है ,
लेकिन आप इसे मेहंदी हसन साहव के अबाज में सुनिए , यकीं मानिये अगर आप को नज्मो की क़द्र है तो आप इसे सुनकर तरोतर हो जायेगे
.
बहुत सही कहा
ReplyDeleteधन्यबाद , नज्म की क़द्र के लिए !
DeleteJi bilkul sunenge is nazm ko ....bahut sunder va saarthak prastuti !!
ReplyDeleteधन्यबाद , नज्म की क़द्र के लिए !
Delete