आज शिक्षक दिवस है , में सभी शिक्षको को
इस दिन की हार्दिक शुभकामनाओ के साथ सादर प्रणाम करता हूँ ,
स्वामी विवेकानंद ने कहा था की जिसने एक शब्द भी
सिखाया है वो गुरु है और उसका सम्मान करना हमारा कर्तव्य है
जीवन में प्रथम गुरु
माँ का मानते है लेकिन जब हम बचपन छोड़कर बड़े होते हैं तब जीवन की परस्थितिओं से
लड़ना ,उनका सामना करना और इनसब को पार करके आगे बढ़कर सफलता के शिखर पर पहुचना
ये सब हम समय के साथ -साथ सीखते जाते हैं , लेकिन सबसे महत्वपूर्ण है ये है की हमे समय के साथ
चलने और परस्थितिओं से लड़ने की सीख गुरु से ही प्राप्त होती है
मुझे याद है जब 12 वीं में था
तब हमारे हिंदी के शिक्षक कहा करते थे , ये जरुरी नहीं की तुम सब सफल हो जाओ और जो सपने तुमने देखे है बो पूरे हो जाएँ
, लेकिन जो असफलता तुम देखोगे बो एक
दिन तुम्हे जिंदगी का सबसे बड़ा पाठ पढ़ाएगी , लेकिन शर्त ये की सपने देखना मत छोड़ना , असफलता से कभी घबराना मत और एक दिन तुम अपनी मंजिलों
के करीव होगे .
आज में जिंदगी के इस पड़ाव पर आकर ये महसूस करता हूँ , मेरे वो शिक्षक सही थे ,
मेने असफलताएँ
देखी , सपनो को टूटते हुए देखा , और जव भी ये हुआ मेरे शिक्षक ये शब्द कान में गूजते
रहे , में जितनी बार गिरा उतनी बार मिटटी
को झाड़ कर उठा खड़ा हुआ ,
आज सफलता सौ प्रतिशत तो नहीं मिल पायी है लेकिन जीवन में लड़ने का माद्दा तो
जरूर आगया है , बाकि तो सारा जीवन पड़ा है सपने देखते रहिये और अपने शिक्षक
की सिखाई हर वो बात जो जीवन में लड़ने की शक्ति देती हो याद करते रहिये , अपने आप को खुद में प्रेरित करते रहिये , आस पास की हर वो चीज जो आपको कुछ सीखा जाती हो उस से
सीखते रहिये और उसका सम्मान करते रहिये और फिर देखिये सफलता सौ प्रतिशत न सही
लेकिन आप उसके पाने की लड़ाई में हारेंगे नहीं .
एक बार फिर से सभी शिक्षको को प्रणाम और शुभकामनायें .....
निशान्त यादव
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