Tuesday, 21 March 2017

सोशलिस्ट


इस बार चुनाव के दौरान जब धर्मिक और सामाजिक विद्वेष की बात आयी तब मित्रों की चर्चा में मैंने कहा कि इसका समाधान ही हमारे हित में है सबको एक चश्मे से न देखे , अगर कहीं चार दूषित व्यक्ति दिखें तो चार हजार को उसी दोष में न लपेटें , लेकिन इस सब के बात मुझपर ये तोहमत लगी हम जैसे लड़के जो गाँव कस्बो से दूर किसी शहर में पढ़ रहे हैं या कुछ काम -धाम लगें हैं वे सोशलिस्ट हो जाते हैं हकीकत पर बात नहीं करते , दरअसल उनके हिसाब से हकीकत ये है कि जो चार दोषी हैं उन्हें वो चार हजार  क़ौम और जात  , मुल्क और समाज से गद्दारी करने को कहती है ये सब सोचा समझा है इस लिए इसका इलाज बेदख़ली , जुल्म और बदनामी है, ये पढ़े नहीं , औलाद बहुत ज्यादा हैं , रंग से काले और गंदे है , स्त्री हैं रहने का सऊर नहीं, इस लिए ये जब जन्मजात ऐसे हैं तब इनसे सुरक्षित रहने का तरीका सिर्फ इनको दफन या कमज़र्फ बना देने है , हमने कहा ये पढ़ें, इन्हें बराबरी का मौका मिले , तो सुधार जरूर होगा, देखो जिन्हें मौका मिला वो भी तो बेहतर हुए, बस इसी सोच की तोहमत सोशलिस्ट होना है मैने तोहमत शब्द का इस्तेमाल इस लिए किया क्यों की वे इसे कोई अच्छी उपाधि नहीं मानते हैं उनके लिए अच्छे शब्द या उपाधि बफादार, देशभक्त , और अपनी जाति धर्म के हित  की सोच रखने वाला , ये शब्द आम समाज में अच्छे और बेहतर हैं बस ये आपको मिलेंगे तभी जब इसके उलट दूसरे का अहित भी करने का माद्दा रखते हों
एक सवाल ये भी है कि सोशलिस्ट कम्युनिस्ट, जैसे शब्द आम समाज की नजर में स्वीकार क्यों नहीं हैं सिर्फ नारों तक सीमित क्यों है इसका कारण है कि जो इनके पैरोकार थे उन्होंने इनका इस्तेमाल सत्ता पाने के लिए किया, बाद जब सत्ताधारी हुए तब वे भी उसी में घुल गए ,
बैसे तो समाज की बेहतरी के लिए न तो मैं कुछ कर रहा हूँ और न ही वे मेरे मित्र लेकिन हम इसके बाबजूद हिस्सा तो इसीका हैं क्या पता कोई हमें सुन कर , पढ़ कर, या हमारे द्वारा किये कार्यों को देख कर सीख रहा हो, वो कुछ नहीं तो मेरे परिवार का हो सकता हैं
इस लिए मैं ये जानते हुए कि नफरत और असमानता की खाई एक दिन हमें भी अपनी और खींच कर दफ़्न कर देगी , खुद को सोशलिस्ट ही बनाने में लगा हूँ आप जो रहना चाहें रहिये , लेकिन बस नफरत और असमानता की खाई को पाटने के लिए एक मुट्ठी मिट्टी अपनी तरफ से भी डालिये , ये हमारे आगे आने वाले समाज, मुल्क़ और क़ौम को जिंदा और खुशनुमा रखने के काम आएगी ......

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