ये वेलेंटाइन डे उन सब के नाम जिन्होंने एकतरफा मोहब्बत की , न कभी कह पाये न कभी सुन पाये खुद का नाम उससे । जो प्यार में मुकाम पा गए वो शायद सुकून में हों । लेकिन जो कह ही नहीं पाये वो जिस बैचेनी में जिए वो ताउम्र साथ रहती है उम्र के किसी पड़ाव पर उसका चेहरा दिखा या सामना हुआ , हर बार बही पहले वाली धकधक महसूस की । ये ऐसी बैचेनी है जो हमेशा साथ रहती है ऐसी एकतरफा मोहब्बत में कोई उम्मीद नहीं होती कि वो कुछ हमारे लिए करें इसका मतलब ये नहीं कि इसमें सिर्फ नउम्मीद ही है इसलिए जब कोई उम्मीद नहीं तो उसके पूरा होने या टूटने का डर भी नहीं । हो सकता है एकतरफा मोहब्बत वालों को कोई लूजर कहे , हारा हुआ कहे । लेकिन एकतरफा मोहब्बत में जीना कोई आसान नहीं । एक कसक तो हमेशा साथ रहती है एक बैचेनी हमेशा साथ रहती है जो आपको हमेशा प्यार में डुबोये रहती है आँखे खुली हो या बंद ! वो हमेशा सिर्फ आँखों में ही रहते हैं और अगर सामना हो जाये तो फिर तो दिन बन जाता है राते बैचेन हो जाती है और सच में यही कसक और बैचेनी हमेशा प्यार में डुबोये रहती है दुनिया में कोई ऐसा नहीं जिसने किसी से एकतरफा प्यार न किया हो , इस लिए अगर आप भी किसी ऐसे दौर में हैं तो खुद को अभागा न समझिये , आपने जिंदगी की सबसे कठिन लम्हो को जिया है । जो मुकाम पा गए वो उलझ गए लेकिन आप हमेशा खुश रहे खुद में ! अपनी दुनिया में ! जहाँ आप हैं और सिर्फ आपके वेलेंटाइन !!
सबको ये मोहब्बत का दिन मुबारक !!!
पीयूष मिश्रा की कुछ लाइने इश्क़ के नाम
वो इश्क़ भला क्या इश्क़ हुआ
जिस इश्क़ का चर्चा घर पे हो…
वो इश्क़ भला क्या इश्क़ हुआ
जिसमें ना दूर तहलका हो…
वो इश्क़ भला क्या इश्क़ हुआ
जिसमें ना बात बिगड़ती हो…
वो इश्क़ भला क्या इश्क़ हुआ
जो आसानी से हो जाए…
वो इश्क़ भला क्या इश्क़ हुआ
जिसमें ना मौक़ा सिसकी का…
वो इश्क़ भला क्या इश्क़ हुआ
जिसकी दरकार इजाज़त हो…
वो इश्क़ भला क्या इश्क़ हुआ
जो कहे ‘चूम और भग ले बे’…
वो इश्क़ भला क्या इश्क़ हुआ
जो मजबूरी का मौक़ा हो…
वो इश्क़ भला क्या इश्क़ हुआ
जिसमें सब कुछ ही मीठा हो…
वो इश्क़ भला क्या इश्क़ हुआ
जो सबकी सुन के होता हो
वो इश्क़ भला क्या इश्क़ हुआ
जो ना भीगा ना झीना हो…
वो इश्क़ भला क्या इश्क़ हुआ
जो इक चुम्बन में थकता हो…
No comments:
Post a Comment