Monday, 30 May 2016

तेज हवा का अंधड़ आया





तेज हवा का अंधड़ आया 
धूल का गुबार भी लाया 
साथ थोड़ी उलझन भी लाया
जो सड़कों पर थे भागे 
जो घरों में थे वो भी भागे 
सड़क वालो ने मुँह छुपाया
घर वालों ने बिजली वालों को गरियाया
खम्बे गिरे, झंफर टूटे 
दवे पांव बिजली भी भागी
झट से अँधेरा मैरे कमरे में घुस आया
एक बच्चा जोर से चिल्लाया मेह आया
ठंडी हवा के झोंके, बारिश की बूँदे
बिजली की कड़कड़ 
छत पे पड़ी टीन की धड़धड़
ये कुछ पल का मंजर 
बहुत सारी यादों को समेट लाया
बहुत दिनों से कुछ लिख नहीं पाया
बस ऐसे ही आँखों देखा हाल सुनाया

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