Monday, 1 June 2015

कारगिल शहीद लेफ्टिनेंट सौरभ कालिया : सरकार का न्याय दिलाने से इंकार



देश की सरकार अपने सैनिक के एक सर की जगह पाकिस्तान के चार सर लाने की हुंकार भरती है , देश के रक्षा मंत्री , गृहमंत्री सब के सब अपनी सभाओ में या मिडिया वार्ताओं में पाकिस्तान को सबक सिखाने के देशभक्ति से भरे बयान देते है लेकिन सच्चाई बिलकुल अलग है कारगिल में सबसे पहले पाकिस्तानी घुसपैठ की जानकरी देने वाले लेफ्टिनेंट सौरभ कालिया और उनकी टीम के साथ पाकिस्तानी सेनिको ने  क्रूरतम व्यबहार करते हुए उन्हें भयानक यातनाएं दी .. लेफ्टिनेंट सौरभ कालिया के पिता पिछले सोलह सालो से इस मामले को अंतराष्ट्रीय न्यायालय में सुनवाई की लड़ाई लड़ रहे है लेकिन आज सरकार ने साफ कर कर दिया है वो लेफ्टिनेंट सौरभ कालिया और उनकी टीम को न्याय नहीं दिला पायेगी ,हो सकता है इस मामले में कोई तकनीकी बजह हो लेकिन सरकार को कोशिश तो करनी चाहिए ,सौरभ कालिया के पिता ने सुप्रीम कोर्ट में न्याय के लिए अर्जी लगाई थी, लेकिन इस पर कुछ नहीं किया गया.

चुनावी जुमलों , तैश  और जोश में दिए बयानों और सचाई में बड़ा फ़र्क़ होता है हालांकि इस मामले में अब तक की कोई सरकार कुछ नहीं कर पायी है चाहे तत्कालीन वाजपेयी सरकार हो या कांग्रेस या फिर आज की भारत के इतिहास में सबसे बेहतरीन सरकार(स्वघोषित) हो , आप देश के बहादुर नेताओं जो पचास -पचास कमांडो के सुरक्षा घेरे में रहते है आप सब मिलकर एक सैनिक  और उसके पिता को न्याय नहीं दिला सकते तो आप से हम और क्या उम्मीद करें आप बहादुर होंगे या आपकी छातियाँ कई इंचो चौड़ी होंगी  , लेकिन ये सब बेमतलब है जब तक  एक सैनिक को न्याय न मिले 

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