चुनावी जुमलों , तैश और जोश में दिए बयानों और सचाई में बड़ा फ़र्क़ होता है हालांकि इस मामले में अब तक की कोई सरकार कुछ नहीं कर पायी है चाहे तत्कालीन वाजपेयी सरकार हो या कांग्रेस या फिर आज की भारत के इतिहास में सबसे बेहतरीन सरकार(स्वघोषित) हो , आप देश के बहादुर नेताओं जो पचास -पचास कमांडो के सुरक्षा घेरे में रहते है आप सब मिलकर एक सैनिक और उसके पिता को न्याय नहीं दिला सकते तो आप से हम और क्या उम्मीद करें आप बहादुर होंगे या आपकी छातियाँ कई इंचो चौड़ी होंगी , लेकिन ये सब बेमतलब है जब तक एक सैनिक को न्याय न मिले
Monday, 1 June 2015
कारगिल शहीद लेफ्टिनेंट सौरभ कालिया : सरकार का न्याय दिलाने से इंकार
चुनावी जुमलों , तैश और जोश में दिए बयानों और सचाई में बड़ा फ़र्क़ होता है हालांकि इस मामले में अब तक की कोई सरकार कुछ नहीं कर पायी है चाहे तत्कालीन वाजपेयी सरकार हो या कांग्रेस या फिर आज की भारत के इतिहास में सबसे बेहतरीन सरकार(स्वघोषित) हो , आप देश के बहादुर नेताओं जो पचास -पचास कमांडो के सुरक्षा घेरे में रहते है आप सब मिलकर एक सैनिक और उसके पिता को न्याय नहीं दिला सकते तो आप से हम और क्या उम्मीद करें आप बहादुर होंगे या आपकी छातियाँ कई इंचो चौड़ी होंगी , लेकिन ये सब बेमतलब है जब तक एक सैनिक को न्याय न मिले
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