कितने बेदर्द हो गए हैं तुम्हारी यादों के फ़ूल ,ये काँटों से मेरा रास्ता रोकते हैं
अपने हाथ में तुम्हारे हाथ के होने एहसास आया ही था कि एक कांटा मेरी कल्पनाओ को चीरता हुआ निकल गया
शायद तुमने यादों पे काँटों का पहरा दे रखा है
लेकिन सुनो तुमने जो फूल मुझे दिया था मेने उसकी मुरझाती पत्तियों को डायरी के पन्नों में अब भी जिन्दा रखा है बिल्कुल तुम्हारी यादों की तरह और पता है तुम्हे ,
मेने उस पन्ने को नाम दिया है मेरे एहसासों का पन्ना
कभी इन पन्नों जो पढ़ना चाहो तो अपने इनबॉक्स में जरूर देखना । मेने इस पन्ने का पता भेजा हैं
# लव इन इनबॉक्स
एकदम सुन्दर और सार्थक शब्द
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