कुछ नए अंदाज लिखे है उम्मीद है
पसंद आएंगे
1:
तुम जो इतने सादा दिखते हो
हो भी हो
या
यूँ ही दिखते हो
2:
ये जितने भी पेच मुझमें दिखाई देते
हैं
वो सादगी से उलझने का बयां करते
हैं
3:-
में तो बदनाम हूँ सिर्फ तुम्हारी
नजरो में
बाकि सारा जमाना मेरा आशिक है
4:-
पाले बेठा था जो भरम बरसो से
बिखर सा गया है आज
रंज सिर्फ इतना है
ये कुछ दिन और रहता
5:-
कुछ सवाल अब भी बाकि है जेहन में
कभी आओ तो ये बोझ उतरे
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