68 वी आजादी ....
68 वी
आजादी .... ये नाम इस लिए दिया है हम हर साल अपनी तमाम समस्याओं से
आजाद होते है और कुछ रह जाती है आज का दिन खुशी मानाने का दिन है.15 अगस्त 1947 को हम अंग्रेजी सरकार से आजाद हो गए थे . इस आजादी के लिए जो त्याग हुए उन्हें कौन भूल सकता
है 1947 से लेकर आज तक हम भारतीय इस देश के त्याग के लिए पीछे नहीं रहें , में उन सब शहीदों को नमन
करता हूँ .
एक बार चर्चिल ने कहा था की आजादी के बाद भारत बिखर जायेगा ,
लेकिन
सरदार पटेल जेसे महानायक ने उनकी इस आशंका को झूठा सिद्द कर दिया उन्होंने
हिदुस्तान के तमाम अलग -अलग रियासतों को हिंदुस्तान में मिलाकर एक मजवूत भारतीय
लोकतंत्र का निर्माण किया और इस तरह हम 26 जनवरी 1950 को एक मजवूत गणतंत्र
के रूप में उभरे , मुझे आज गर्व है की हमने
उस लोकतंत्र को टूटने नहीं दिया जवकि तमाम सुधारो के बाद और मजवूत किया है आज
भारत विश्व में सबसे बड़े और मजवूत लोकतंत्र की मिसाल है हम विश्व गुरु बनने
की राह पर हैं सारा विश्व हमारी तरफ आशा भारी निगाहों से देख रहा है और मुझे
विश्वास है की हम इस आशा को टूटने नहीं देंगे . आज का दिन हमे अपने स्व्मुल्याकन
का भी दिन है , हमने पिछले 67 सालो बहुत
पाया है हमने सूचना , अन्तरिक्ष और विज्ञानं और
चिकित्सा में एक मुकाम हासिल किया है आज हम गेहूं, चावल , गन्ने के सबसे बड़े उत्पादक है
इन
सब सबल पक्षों के आलावा हमारी अपनी आन्तरिक समस्याएँ भी है , खास तौर में यहाँ अपनी
सरकारी योजनाओ के बारे में बात कर रहा हूँ हमने शिक्षा का अधिकार कानून लागु किया
है इसके तहत शिक्षा योजना पहुच रही है लेकिन शिक्षा का स्तर निरंतर गिर रहा
है सरकारी प्राथमिक विद्यालय के छात्र को वुनियादी शिक्षा का भी ज्ञान नहीं है
ध्यान रहे अच्छी शिक्षा ही मजवूत देश का और समाज का निर्माण करती है यही हाल उच्च शिक्षा
का भी है छात्रों को दुसरे देशो में जाना पड़ता है इसका सीधा असर उनपर आर्थिक
रूप से पड़ता है
चिकित्सा
के में भी हमारी उपलब्धि खास नहीं है हम एम्स जेसे बड़े अस्पतालों के आलावा किसी
अन्य सरकारी अस्पताल में इलाज से डरते है , आज भी गर्भवती
महिलाऐं डिलीवरी के समय मर जाती है , हमारी शिशु मृत्यु दर अधिक है क्योंकि या तो समय में उन्हें अच्छी
चिकित्सा नहीं मिलती या फिर अस्पताल उनकी पहुँच से दूर होता है
बेरोजगारी
एक बड़ी समस्या है ये बात सच है सरकारी विभागों में सब को रोजगार नहीं मिल
सकता , लेकिन हम छोटे -छोटे कुटीर उद्योगो में
माध्यम से बेहतर रोजगार प्रदान कर सकते हैं जवकि इसके
उलट हमरे कुटीर उद्योग बंद होते जारहे हैं
भ्रस्टाचार
देश की सबसे बड़ी समस्या उभरी है सरकारी योजनाये अंतिम व्यक्ति तक न पहुंच कर सिर्फ
चंद लोगो की प्रगति का मार्ग बन गई हैं ध्यान रहे जबतक योजना भारत के अंतिम
व्यक्ति तक अपने वास्तविक रूप में नहीं पहुंचेगी हम अपना विकास कभी नहीं कर सकते , भ्रस्टाचार अब तो मानसिक
विकृति की तरह हो गया है , जव हमारी वारी आती है तो
हम भी घूस खोरी से नहीं चूकते इस लिए देश सभी नागरिको को आज के दिन इस विकृति को
दूर करने का संकल्प लेना होगा
सामाजिक
स्तर पर भारत का विकास हुआ है लेकिन आज भी हम तमाम सामाजिक
संशयों से गुजर रहे हैं कानून के बल पर ३३ प्रतिशत आरक्षण के तहत हमने
महिलाओं की भागीदारी को बढ़ाया है लेकिन सामाजिक स्तर पर ये स्वीकार्य नहीं है आज
महिलाओं के साथ दहेज़ हत्या , वलात्कार , और गर्भ में ही लड़किओं की हत्या जैसे अपराधो में हर दिन बढ़ोतरी हो रही है , यदि हमें इस देश को आगे लेजाना है तो सामाजिक सुधर करने ही होंगे , अन्यथा ये सभी प्रगति छलावा ही सावित होंगी .
दूसरी
सबसे बड़ी वर्तमान सामाजिक समस्या उभरी है सामाजिक वैमनस्य पिछले कुछ दिनों
में जिस तरीके भारत में सामाजिक सौहार्द बिगड़ा है उससे ये बात उभरती है की हमारे सामजिक
तार कही न कही टूटे है हम किसी के भी भड़काने पर एक दूसरे को मारने के लिए
तलवारे उठा लेते है , हमने अब धर्म और समाज के
ठेकदार वो लोग चुने है जो रसूख बाले है हमें इसे तोड़ ऐसे लोगो को चुनना होगा जो
सामजिक बुद्दिमता रखते हो
आइये
आज के दिन हम सव एक शपथ लेते हैं की हम भारत के नागरिक अपने देश को सामाजिक , आर्थिक , और लोकतान्त्रिक मूल्यों पर और मजवूती के साथ आगे ले जायंगे , तभी हम इस महापर्व को मानाने के सच्चे अधिकारी होंगे .
सभी
देशवासिओं को स्वतंत्रता दिवस को हार्दिक शुभकामनाएं
जय
हिन्द , जय भारत
निशांत
यादव
#HappyIndependenceday #India
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