Sunday, 8 June 2014

माँ की गिलहरी

एक 28 साल का शादी शुदा लड़का अपनी बूढी माँ के साथ पार्क में लगी बड़ी सी कुर्सी पे बेठा था ,
माँ काफी बूढी हो गई सो आँखों से दिखता भी कम था , माँ को कुछ धुंधला सा दिखाई दे रहा था
माँ ने बेटे से पूछा बेटा ये क्या है? बेटा बोला माँ गिलहरी है ,
थोड़ी देर बाद माँ ने फिर पूछा बेटा ये क्या है ? बोला माँ गिलहरी है ,

माँ  ने ऐसा 4-5 बार पूछ लिया , अगली बार लड़का झल्लाया और  चिल्ला कर वोला कितनी बार बता चुका हूँ 
गिलहरी है गिलहरी है  , सुनाई नहीं देता , बुढ़ापे में तुम्हारे कान भी बहरे हो गए है ,
माँ का ह्रदय द्रवित हो गया , लेकिन माँ तो माँ है , वो संभल कर , एक डायरी बेटे की ओर करते हुए वोली ,
बेटा जरा देख तो सही ये किसकी डायरी है , बेटे ने डायरी खोली और , डायरी के चोथे पन्ने को  पढ़ के लड़के की आखों
में आंसू आगये  ,डायरी में लिखा था... " बचपन में तूने 21 बार पूछा था माँ ये क्या है और माँ ने प्यार से २१ बार एक ही जवाव दिया था "
......बेटा ये गिलहरी है गिलहरी है ...



        निशान्त यादव     


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