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कदम मिलाकर चलना होगा,
बाधाएं आती हैं आयें,
घिरे प्रलय की घोर घटाएं,
पावों के नीचे अंगारें,
सिर पर बरसे यदि ज्वालायें,
निज हाथों से हंसते -हंसते,
आग लगाकर जलना होगा.
कदम मिलाकर चलना होगा.
हास्य-रुदय में, तूफानों में,
अमर असंख्यक बलिदानों में,
उद्धानों में वीरानों में,
अपमानों में, सम्मानों में,
उन्नत मस्तक, उभरा सीना,
पीडाओं में पलना होगा.
कदम मिलाकर चलना होगा.
उजियारे में अन्धकार में
कल का थार में, बीच धार में,
घोर घृणा में, पूत प्यार में,
क्षणिक जीत में दीर्घ हार में
जीवन के शत-शत आकर्षक,
अरमानों को डालना होगा.
कदम मिलाकर चलना होगा.
amazing poem and awesome person :)
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