Wednesday, 10 June 2015

सेल्फ गवर्नेस

ये बड़ी बिडंबना है जिन सरकारों को या उनके नुमाइंदों को  हम अपने जख्मो पर मरहम लगाने के लिए चुनते है वो मरहम तो नहीं जख्म में नमक डालने लगते हैं  इसका कारण है हमारा सरकार पर निर्भर होते जाना , सेल्फ गवर्नेस बड़ी चीज है इसकी  हमें पूरे देश में जरुरत है जब नागरिक जागरूक और आवाज उठाने वाला होगा तब सरकार , उसके  नुमाइंदे और जनप्रतिनिधि दोनों सही दिशा में चलेंगे और नागरिको की आवाज को सुनेंगे हमें अपने सामाजिक रिश्ते और उनकी डोर राजनीती के मोम से नहीं जोड़नी और न ही इसके चाकू से इसे काटना है ध्यान रखिये जितना जातीय , धार्मिक और सामाजिक बैमनस्य बढ़ेगा उसका फायदा देश के आम नागरिक को कतई नहीं होगा इसका पूरा फायदा इन्ही लोगो को होगा जिनके कारण ये देश गुलाम हुआ फिर बँटबारा हुआ और आज भी हम कहीं न कहीं अलग धड़ो बंटे पड़े है आप देश में हुए तमाम फसादों के इतिहास को देखिये हमें कहीं कुछ नहीं मिला है इस देश में आज भी ऐसे गावं है जहाँ अब तक बिजली नहीं है जहाँ बच्चे पढ़ने के किलोमीटरों पैदल चलकर जाते हैं आज भी अस्पताल नहीं है और अगर कहीं अस्पताल और स्कूल है तो उनमे चिकित्सा और पढाई का स्तर क्या है ये किसी से छुपा नहीं है आखिर ये सब कैसे सुधेरगा ! ये परिद्श्य कब बदलेगा ! ये बदलेगा जरूर बदलेगा ! जब हम इन हुक्मरानो से सवाल करेंगे , बिना किसी जात और धर्म में बंट कर एक साथ इनसे सवाल करेंगे की बताओ तुमने इतने सालों में हमें क्या दिया ?

No comments:

Post a Comment